जब दलाल बन गया हलाल स्ट्रीट तो सभी लोग अपने अपने शेयर बेचने मे लगे थे, हालात देखकर ऐसा लग रहा था कि सभी लोग जब बेचने मे लगे हैं, मार्केट सुधरेगा कैसे?
कोई तो खरीददार भी होना चाहिए? ऐसी हालत मे जीतू भाई और मै खरीदने मे लगे थे, हो सकता है हमारे ही खरीदने से मार्केट सुधरा हो... :D
ऐसे मे भारत रत्न के असली हकदार तो हम हूये ने, जाने और कितने लोग हलाल होते और हमने बचा लिया :)
4 टिप्पणियां:
सई है जी सई है!!
चलो किसी बहाने ही सही लिक्खा तो कुछ आपने चिट्ठे पर!
"ऐसे मे भारत रत्न के असली हकदार तो हम हूये ने, जाने और कितने लोग हलाल होते और हमने बचा लिया :)"
मेरा अनुमोदन स्वीकार करे!!
tum khadi ho election me bahana...mai apne sath sath kai vote dilva du.ngi.):
हा हा.. ये अच्छा तरीका है कि खुदकी कमाई भी बढाओ और सम्मान भी प्राप्त करो. पोस्ट पसंद आई
एक टिप्पणी भेजें